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Friday, December 18, 2009

जिम्मेदार कौन

आज के इस दौर में जब विज्ञानं और टेक्नोलॉजी अपने चर्म पर है, आज जबकि हर हाथ में मोबाइल फ़ोन है तब भी आज के ८०% युवक और युवतियां दुआओं में भरोसा करती है, आज अगर कोई सड़क पर चलने वाला कोई भिखारी बच्चा अगर कुछ दुआ दे देता है जैसे वो एक लड़का लड़की को देखकर कहता है कि "तुम्हारी जोड़ी बनी रहे" आज के लड़के और लड़कियां इतने कुश हो जाते हैं कि उन छोटे बच्चों को भीख क तौर पर कुछ सिक्के दे देते हैं, जिससे वो भिखारी बच्चा भीख को एक पेशे के तौर पर मान लेता है और फिर वो कुछ अच्छा कम करने के बजाय वो केवल भीख मांगने में में ही अपना भविष्य समझ लेता है, मुझे ऐसा लगता है कि इस प्रकार वो कुछ अच्छा करने के लिए प्रयास ही नहीं करते हैं| क्या आप जानते हैं, कि जो आज आम-आदमी कि जुबान पर जो इन्फ्लेशन शब्द का जोश चदा हुआ है, उस इन्फ्लेशन का एक बहुत बड़ा कारण ये हिन्दुस्तानियों का दयालु ह्रदय भी है, क्यूंकि जब भी हम इन भिखारियों को चंद सिक्के मात्र ही दे देते है, वो सिक्के या तो उन भिखारियों के बोरों में चले जाते है या फिर वो सिक्के किसी मंदिर के सामने जमीन पर रखकर ११० रुपीज के बदले १०० सिक्कों में दिए जातें हैं, और वो १० रुपीज जो वो भिखारी को अतिरिक्त मिल जाते हैं वो १० रुपीज एक बड़े स्केल पर पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं तथा वो दस रुपीज सरकार कि दिक्कतों को बदते हैं और सरकार का हर प्रयास जो इन्फ्लेशन को कम कर्म के लिए किया जाता है वो ताश के पत्तों के बने घर कि तरह बिखरता हुआ नज़र आता है| मेरा नवयुवको से अनुरोध है कि अपने से ज्यादा अपने गणतंत्र के विषय में विचार करे|
मै इस नोट के माध्यम से किसी कि भावनाओ तथा संवेदना को ठेस नहीं पहुचना चाहता हूँ, मै केवल ये कहना चाहता हूँ कि भीख केवल उस ही को दे जो जरुरतमंद हो|
निशीथ
मुख्या संयोजक
युपिटेक गौरव

2 comments:

  1. well what i think being kind to someone is the greatest feeling one can have.... but as for as we concern with the article u have wriiten, i do agree that at some point we commit mistake by being kind...

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  2. great thinking bhai....
    very good....

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