My Blogs are completely mixture of all kind of Blogs in which I am considering HR, Social-Awareness, Self awareness, Love life and many more things because I am just starting it as a passion...
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Saturday, March 20, 2010
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे
मै अभी २१ साल का ही हूँ, और मै आपको अपने तथा अपने कुछ उन हम-उम्र दोस्तों के समय की बात बताना चाहता हूँ जब अक्सर १०+२ के बाद जब लड़का अपना घर छोड़कर कहीं बहा diउच्च शिक्षा के लिए बहार जाता है तो अक्सर उसे कई चीजों से प्यार हो जाता है जैसे तम्बाकू, सिगरेट, गुटखा, और लड़की|
ऐसा ही कुछ हुआ था जब मै अपने घर से बी.टेक. करने को घर से निकला था, तो मेरे को ३ माह के भीतर ही एक पायल(काल्पनिक नाम) नाम की लड़की से प्यार हो गया| और क्या हुआ बस रोज़ उसके चेहरे की एक झलक पाने को क्लास जाने लगे, धीरे पदाई से ध्यान भंग होता गया और अपना ध्येय जो घर से लेकर चले थे वो यमुना नदी में कहीं वहा दिया|
कई लोगो ने अपने अपने विचार दिए की इस उम्र में प्यार नहीं होता है ये तो मात्र खिचाव होता है विपरीत लिंगों में| प्यार तो केवल शादी के बाद होता है|
कुछ कहते थे की हाँ भाई तेरे को प्यार ही हुआ है|
मैं भी कहता हूँ कि अगर प्यार शादी के बाद होता है तो तलक क्यों हो जाता है|
मै मानता हूँ कि प्यार कभी होता ही नहीं है तुम्हे बता कर,
वो तो हो जाता है तुम्हे उल्लू बनाकर |
लड़कियों के इस जवाब जो अक्सर मिलता है जब कोई लड़का प्रोपोज करता है:- कि मै सोचकर बताउंगी...
मै इस नोट के माध्यम से बताना चाहता हूँ कि जब माँ-पिता ने पढने को भेजा है तो हमे केवल पढना चाहिए|
माँ बाप के सपने साकार करना चाहिए!
ग्लोबलिजेसन
मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिश्तानी,
सर पर लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी|
इस गीत के मधुर शब्द हसरत जयपुरी ने सन १९५५ में ही लिख दिय था लेकिन इस गीत ने अपना सही रंग दिखाना शुरू किया १९९० क बाद,
रंग भी ऐसा की हिंदुस्तान की लड़कियों ने तो अपने वस्त्र धारण करने का अंदाज़ ही बदल डाला, वो लंहगा चुन्नी और वो सर पर घडा रखकर पनघट पर जाना, हे खुदा तुने ये क्या कर दिया|
अपना राष्ट्रिय खेल को छोड़कर वो क्रिकेट के पीछे पड़े हैं, और तो और अपना मुल्क छोड़कर अफ्रीका के जंगलों में चले गए|
मेरे प्रिये मित्र श्री ललित मोदी जी ने एक बार भी ये नहीं सोचा की उनकी इस हरकत से कितने हिन्दुस्तानियों के घर के चूल्हे जलने से पहले ही बुझ गए,
उनके एक निर्णय जो उनके क्रिकेट संघ के पक्ष में था जो संघ दुनिया में सबसे ज्यादा धनि है, उसका लाभ कम ना हो जाये इस खातिर उन्होंने एक ऐसी चाल चली जो न केवल देशविरोधी है ये हरकत तो उन्हें मेरे संज्ञान में एक स्वार्थ से परिपूर्ण है|
श्री ललित मोदी जी ने दर्शको को रिझाने के विदेशी न्रित्यांगंये मंगाई जो की अर्ध नग्न अवस्था में थी,
अगर आप ग्लोबलिजेसन की व्यार सही में ही बहाना चाहते हो तो अपनी सभ्यता का नृत्य भी वहाँ प्रदर्शित भी कर सकते थे, क्या उस नृत्य को प्रचार करने में आपका कोई नुक्सान था|
मेरे ज्ञान के आधार पर श्री मोदी जी तो शायद अपने संघ को लाभ पहुचने के लिए देश का सौदा भी कर सकते हैं|
अब तो जाग जाओ मेरे परये देशवासियों|
मोदी जी मुबारक हो आपको आपका ये पैसा,
मगर मत भूलिए की महात्मा गाँधी तक को उस अफ्रीका देश वालों ने सिर्फ अपमान ही दिया था|
प्रेषक:-
निशीथ
मुख्य संयोजक:-
जागृति
&
यूपीटेक गौरव
हैदराबाद|
सर पर लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी|
इस गीत के मधुर शब्द हसरत जयपुरी ने सन १९५५ में ही लिख दिय था लेकिन इस गीत ने अपना सही रंग दिखाना शुरू किया १९९० क बाद,
रंग भी ऐसा की हिंदुस्तान की लड़कियों ने तो अपने वस्त्र धारण करने का अंदाज़ ही बदल डाला, वो लंहगा चुन्नी और वो सर पर घडा रखकर पनघट पर जाना, हे खुदा तुने ये क्या कर दिया|
अपना राष्ट्रिय खेल को छोड़कर वो क्रिकेट के पीछे पड़े हैं, और तो और अपना मुल्क छोड़कर अफ्रीका के जंगलों में चले गए|
मेरे प्रिये मित्र श्री ललित मोदी जी ने एक बार भी ये नहीं सोचा की उनकी इस हरकत से कितने हिन्दुस्तानियों के घर के चूल्हे जलने से पहले ही बुझ गए,
उनके एक निर्णय जो उनके क्रिकेट संघ के पक्ष में था जो संघ दुनिया में सबसे ज्यादा धनि है, उसका लाभ कम ना हो जाये इस खातिर उन्होंने एक ऐसी चाल चली जो न केवल देशविरोधी है ये हरकत तो उन्हें मेरे संज्ञान में एक स्वार्थ से परिपूर्ण है|
श्री ललित मोदी जी ने दर्शको को रिझाने के विदेशी न्रित्यांगंये मंगाई जो की अर्ध नग्न अवस्था में थी,
अगर आप ग्लोबलिजेसन की व्यार सही में ही बहाना चाहते हो तो अपनी सभ्यता का नृत्य भी वहाँ प्रदर्शित भी कर सकते थे, क्या उस नृत्य को प्रचार करने में आपका कोई नुक्सान था|
मेरे ज्ञान के आधार पर श्री मोदी जी तो शायद अपने संघ को लाभ पहुचने के लिए देश का सौदा भी कर सकते हैं|
अब तो जाग जाओ मेरे परये देशवासियों|
मोदी जी मुबारक हो आपको आपका ये पैसा,
मगर मत भूलिए की महात्मा गाँधी तक को उस अफ्रीका देश वालों ने सिर्फ अपमान ही दिया था|
प्रेषक:-
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